प्रिय बंधुवर !
सस्नेह नमस्कार ! 24-25-26 फरवरी के कॉलेज विद्यार्थी प्रशिक्षण वर्ग का
सूचना पत्रक अपने जिले में पहुँच गया होगा और हमने अपने यहाँ वर्ग की तैयारी
प्रारंभ कर दी होगी. वर्ग में शारीरिक व बौद्धिक की कुछ प्रतियोगिताएँ तय की गई हैं
जिनकी पूर्व जानकारी होने से व पूर्व तैयारी करने से वर्ग में और अधिक आनंद कार्यकर्ताओं
को आएगा . हम अपने क्षेत्र से ये तय करें कि कौन कार्यकर्त्ता सामानांतर चलने वाली
किस स्पर्धा में भाग लेगा :
1) व्यक्तिश: शारीरिक स्पर्धाएं (इनमें से किसी एक में भाग लेना है)
की तैयारी करके आयें .
5) अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ अपना जिज्ञासा समाधान का कार्यक्रम भी रहेगा इसलिए
प्रश्न पहले से भी सोच कर आ सकते हैं !
6) अधोलिखित गीत अपना वर्ग गीत रहेगा :
सस्नेह नमस्कार ! 24-25-26 फरवरी के कॉलेज विद्यार्थी प्रशिक्षण वर्ग का
सूचना पत्रक अपने जिले में पहुँच गया होगा और हमने अपने यहाँ वर्ग की तैयारी
प्रारंभ कर दी होगी. वर्ग में शारीरिक व बौद्धिक की कुछ प्रतियोगिताएँ तय की गई हैं
जिनकी पूर्व जानकारी होने से व पूर्व तैयारी करने से वर्ग में और अधिक आनंद कार्यकर्ताओं
को आएगा . हम अपने क्षेत्र से ये तय करें कि कौन कार्यकर्त्ता सामानांतर चलने वाली
किस स्पर्धा में भाग लेगा :
1) व्यक्तिश: शारीरिक स्पर्धाएं (इनमें से किसी एक में भाग लेना है)
- सूर्य नमस्कार प्रतियोगिता ( 10 मिनट में अधिकतम )
- दंड पेल (Dips) प्रतियोगिता ( 10 मिनट में अधिकतम )
- दंड प्रहार प्रतियोगिता ( 10 मिनट में अधिकतम )
- ऊँची व लम्बी कूद प्रतियोगिता
- कबड्डी व मंडल खो (इनमें से किसी एक में भाग लेना है)
- रस्साकशी (सब खेलेंगे )
- विचार प्रकटीकरण (विषय वर्ग प्रारंभ होते ही लगा दिए जायेंगे )
- आशु भाषण (Extempore) (विषय अति सरल होगा व 1 मिनट पूर्व ही बताया जायेगा )
- वाद विवाद (Debate) स्पर्धा (विषय : आज के युवा कि दिशा सही है या नहीं ?)
- बौद्धिक कबड्डी
की तैयारी करके आयें .
5) अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ अपना जिज्ञासा समाधान का कार्यक्रम भी रहेगा इसलिए
प्रश्न पहले से भी सोच कर आ सकते हैं !
6) अधोलिखित गीत अपना वर्ग गीत रहेगा :
पूर्ण विजय संकल्प हमारा, अनथक अविरत साधना ।
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी, राष्ट्रधर्म आराधना ।
वंदे मातृभूमि वंदे, वंदे जगजननी वंदे ॥धृ॥
पुण्य पुरातन देश हमारा, मानवता आदर्श रहा ।
संस्कृति का पावन मंगल स्वर, कोटि कंठ से नित्य बहा ।
सकल विश्व का मंगल करने, सर्वस्वार्पण प्रेरणा ॥१॥
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी..........
संबल लेकर हिंदु चेतना, समरसता का मंत्र महान ।
अतीत की गौरवगाथा का, पथदर्शक प्रेरक आह्वान ।
भविष्य का पथ उज्ज्वल करने, शक्ति संचय साधना ॥२॥
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी..........
मातृभूमि आराध्य हमारी, राष्ट्रभक्ति है प्रेरणा ।
ईश्वर का है कार्य हमारा, जीवन की संकल्पना ।
केशव प्रेरित संघमार्ग पर, चरैवेति की कामना ॥३॥
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी..........
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी, राष्ट्रधर्म आराधना ।
वंदे मातृभूमि वंदे, वंदे जगजननी वंदे ॥धृ॥
पुण्य पुरातन देश हमारा, मानवता आदर्श रहा ।
संस्कृति का पावन मंगल स्वर, कोटि कंठ से नित्य बहा ।
सकल विश्व का मंगल करने, सर्वस्वार्पण प्रेरणा ॥१॥
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी..........
संबल लेकर हिंदु चेतना, समरसता का मंत्र महान ।
अतीत की गौरवगाथा का, पथदर्शक प्रेरक आह्वान ।
भविष्य का पथ उज्ज्वल करने, शक्ति संचय साधना ॥२॥
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी..........
मातृभूमि आराध्य हमारी, राष्ट्रभक्ति है प्रेरणा ।
ईश्वर का है कार्य हमारा, जीवन की संकल्पना ।
केशव प्रेरित संघमार्ग पर, चरैवेति की कामना ॥३॥
निशिदिन प्रतिपल चलती आयी..........
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