हरियाणा प्रांत का महाविद्यालयीन विद्यार्थी प्राथमिक शिक्षा वर्ग 24 मार्च से 31 मार्च तक करनाल के स्वामी विवेकानंद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में संपन्न हुआ | वर्ग में प्रांत के 19 जिलों के 44 स्थानों (22 नगर, 22 ग्राम) और 52 महाविद्यालयों से 73 शिक्षार्थी सहभागी हुए, जिनके प्रशिक्षण के लिए 11 शिक्षक और 15 प्रबंधक पूरा समय वर्ग में रहे | कुल शिक्षार्थियों में से 8 स्नातकोत्तर, 24 इंजीनियरिंग और 27 स्नातक की पढाई करने वाले विद्यार्थी थे | 19 शिक्षार्थी ऐसे थे, जो बिल्कुल नए थे |
बी.एड. कॉलेज में प्राचार्य पद पर कार्यरत सोनीपत से डा. विजेंद्र गौड़ जी ने वर्ग कार्यवाह के रूप में वर्ग का मार्गदर्शन किया | अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख मा. अरुण जी, क्षेत्रीय कार्यवाह मा. सीताराम जी व्यास सहित विभिन्न प्रांत अधिकारियों का मार्गदर्शन शिक्षार्थियों को प्राप्त हुआ |
होली के अवसर पर मटकी फोड़ का विशाल खेल, मातृ-हस्त भोजन, नगर में पथ-संचलन, संस्कृत भोजन दिवस, सभी शिक्षार्थियों को घोष प्रशिक्षण, बौद्धिक-वर्ग में बौद्धिक के पश्चात् उसी विषय पर जिज्ञासा समाधान, रात्रि कार्यक्रम के समय दिन भर के कार्यक्रमों के बारे में लघु प्रश्नोत्तरी, स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर प्रदर्शनी, विख्यात भारतीय वैज्ञानिकों के नाम पर चर्चा गटों के नाम, संघ-कार्य हेतु समय लगाने की दृष्टि से चयनित कार्यकर्ताओं की मा. डा. कृष्ण जी बवेजा के साथ एक बैठक, सातों दिन संघ-स्थान पर शत-प्रतिशत उपस्थिति, दो शिक्षार्थियों का फेसबुक से जुड़कर वर्ग में आना, शिक्षार्थियों में स्वाध्याय-वृत्ति जागरण हेतु स्वाध्याय कक्ष की व्यवस्था, प्रतिदिन एक आदत ठीक करने का आग्रह , आदि कुछ बिंदु वर्ग की दृष्टी से विशेष उल्लेखनीय रहे |

होली के अवसर पर मटकी फोड़ का विशाल खेल, मातृ-हस्त भोजन, नगर में पथ-संचलन, संस्कृत भोजन दिवस, सभी शिक्षार्थियों को घोष प्रशिक्षण, बौद्धिक-वर्ग में बौद्धिक के पश्चात् उसी विषय पर जिज्ञासा समाधान, रात्रि कार्यक्रम के समय दिन भर के कार्यक्रमों के बारे में लघु प्रश्नोत्तरी, स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर प्रदर्शनी, विख्यात भारतीय वैज्ञानिकों के नाम पर चर्चा गटों के नाम, संघ-कार्य हेतु समय लगाने की दृष्टि से चयनित कार्यकर्ताओं की मा. डा. कृष्ण जी बवेजा के साथ एक बैठक, सातों दिन संघ-स्थान पर शत-प्रतिशत उपस्थिति, दो शिक्षार्थियों का फेसबुक से जुड़कर वर्ग में आना, शिक्षार्थियों में स्वाध्याय-वृत्ति जागरण हेतु स्वाध्याय कक्ष की व्यवस्था, प्रतिदिन एक आदत ठीक करने का आग्रह , आदि कुछ बिंदु वर्ग की दृष्टी से विशेष उल्लेखनीय रहे |

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